उत्तर प्रदेश के ग्राम चौकीदार, जिन्हें ग्राम प्रहरी के नाम से भी जाना जाता है, गाँवों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में एक अहम भूमिका निभाते हैं। ये लोग दिन-रात गाँवों की गश्त करते हैं, अपराध की सूचना पुलिस तक पहुँचाते हैं, और ग्राम पंचायत के छोटे-मोटे कार्यों में भी सहायता करते हैं। लेकिन लंबे समय से उनकी आर्थिक स्थिति और काम करने की परिस्थितियाँ चिंता का विषय बनी हुई थीं। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्राम चौकीदारों को लेकर एक बड़ी अपडेट जारी की है, जिससे उनकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगी है। इस लेख में हम “उत्तरप्रदेश के ग्राम चौकीदारों के आई गई बड़ी अपडेट” के तहत इस अपडेट की पूरी जानकारी, इसके प्रभाव, और भविष्य की संभावनाओं को विस्तार से समझेंगे।

ग्राम चौकीदारों की वर्तमान स्थिति
उत्तर प्रदेश में करीब 70,000 ग्राम चौकीदार हैं, जो गाँवों की सुरक्षा की रीढ़ माने जाते हैं। इनका मुख्य काम गाँव में होने वाली घटनाओं, जैसे चोरी, झगड़ा, या किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी पुलिस तक पहुँचाना है। इसके अलावा, ये जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन, शादी रजिस्ट्रेशन, और ग्राम पंचायत के अन्य कार्यों में भी मदद करते हैं। लेकिन इतने महत्वपूर्ण काम के बावजूद, इन्हें जो मानदेय मिलता है, वो बहुत कम है। 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इनका मानदेय 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये मासिक किया था, लेकिन 2025 तक इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी। इस छोटी सी राशि में परिवार चलाना, बच्चों की पढ़ाई, और बुनियादी जरूरतें पूरी करना बेहद मुश्किल है।
चौकीदारों को न तो कोई वर्दी दी जाती है, न ही साइकिल, टॉर्च, या सर्दी से बचने के लिए जैकेट जैसी सुविधाएँ। कई बार पुलिस थानों पर उनसे गैर-जरूरी काम भी करवाए जाते हैं, जैसे थाने की सफाई या दस्तावेज इधर-उधर ले जाना। अगर वे मना करते हैं, तो उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। इस वजह से चौकीदार लंबे समय से अपनी माँगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
नई अपडेट क्या है?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्राम चौकीदारों को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। इस अपडेट के अनुसार:
- मानदेय में वृद्धि: सरकार ने ग्राम चौकीदारों का मानदेय 2,500 रुपये से बढ़ाकर 4,000 रुपये मासिक करने का फैसला किया है। यह वृद्धि मई 2025 से लागू होगी।
- बुनियादी सुविधाएँ: चौकीदारों को अब वर्दी, साइकिल, टॉर्च, और सर्दी के लिए एक जैकेट दिया जाएगा। यह सुविधा हर साल नवीनीकृत होगी।
- बीमा योजना: ड्यूटी के दौरान दुर्घटना या मृत्यु होने पर चौकीदारों को 2 लाख रुपये की बीमा राशि दी जाएगी। इसके लिए एक विशेष बीमा योजना शुरू की गई है।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम: चौकीदारों को उनकी जिम्मेदारियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए हर जिले में प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएँगे। इसमें उन्हें आपात स्थिति में प्राथमिक सहायता, संदिग्ध गतिविधियों की पहचान, और पुलिस के साथ समन्वय की ट्रेनिंग दी जाएगी।
- निगरानी समिति: चौकीदारों की समस्याओं को सुनने और उनके हितों की रक्षा के लिए एक विशेष निगरानी समिति बनाई जाएगी। यह समिति हर तहसील स्तर पर काम करेगी।
इस अपडेट का प्रभाव
इस अपडेट से ग्राम चौकीदारों की जिंदगी में कई सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है। सबसे बड़ा बदलाव होगा उनकी आर्थिक स्थिति में। 4,000 रुपये मासिक मानदेय से उनके परिवार की बुनियादी जरूरतें कुछ हद तक पूरी हो सकेंगी। वर्दी और साइकिल जैसी सुविधाएँ उनके काम को आसान बनाएँगी, और बीमा योजना से उनकी सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम उनकी स्किल्स को बढ़ाएगा, जिससे वे अपनी जिम्मेदारियाँ बेहतर तरीके से निभा सकेंगे। निगरानी समिति उनकी शिकायतों को सुनने और समाधान करने में मदद करेगी, जिससे थानों पर होने वाली प्रताड़ना कम हो सकती है।
चौकीदारों की प्रतिक्रिया
इस अपडेट के बाद चौकीदारों में खुशी की लहर है, लेकिन उनकी कुछ माँगें अभी भी पूरी नहीं हुई हैं। उत्तर प्रदेश ग्राम प्रहरी चौकीदार संघ के एक सदस्य ने कहा, “4,000 रुपये की वृद्धि एक अच्छा कदम है, लेकिन हमारी माँग 10,500 रुपये मासिक वेतन की थी, जो केंद्र सरकार के न्यूनतम वेतन के बराबर है। हम चाहते हैं कि हमें राज्य कर्मचारी का दर्जा भी दिया जाए, ताकि हमें पेंशन और अन्य सुविधाएँ मिल सकें।” चौकीदार इस अपडेट को एक शुरुआत मान रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में उनकी बाकी माँगें भी पूरी होंगी।
भविष्य की संभावनाएँ
यह अपडेट एक सकारात्मक कदम है, लेकिन चौकीदारों की सभी समस्याओं का समाधान नहीं करता। 2026 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, और चौकीदार 35 लाख वोटों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में सरकार पर दबाव बढ़ सकता है कि वो उनकी बाकी माँगें, जैसे न्यूनतम वेतन और राज्य कर्मचारी का दर्जा, भी पूरा करे। इसके अलावा, चौकीदारों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका भी दायर की है, जिसका फैसला अगर उनके हक में आता है, तो उनकी स्थिति में और सुधार हो सकता है।
कुछ राज्यों ने इस दिशा में बेहतर कदम उठाए हैं। हरियाणा में चौकीदारों का वेतन 11,200 रुपये मासिक है, और पंजाब में भी हाल ही में वेतन बढ़ाया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार इन राज्यों से प्रेरणा लेकर भविष्य में और बड़े कदम उठा सकती है।
अंत में
“उत्तरप्रदेश के ग्राम चौकीदारों के आई गई बड़ी अपडेट” के तहत हमने देखा कि सरकार ने चौकीदारों के लिए कई सकारात्मक बदलाव किए हैं। मानदेय में वृद्धि, बुनियादी सुविधाएँ, बीमा योजना, और प्रशिक्षण कार्यक्रम से उनकी जिंदगी में सुधार होगा। लेकिन उनकी बाकी माँगें, जैसे न्यूनतम वेतन और राज्य कर्मचारी का दर्जा, अभी पूरी नहीं हुई हैं। यह अपडेट एक शुरुआत है, और उम्मीद है कि भविष्य में सरकार और कोर्ट उनकी बाकी माँगों पर भी ध्यान देगी। ग्राम चौकीदार गाँवों की सुरक्षा की रीढ़ हैं, और उनकी मेहनत का सही सम्मान होना चाहिए।
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