
सुजलॉन एनर्जी ने 29 मई 2025 को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4) के नतीजे घोषित किए, जिसने निवेशकों को उत्साहित कर दिया। कंपनी का नेट प्रॉफिट 364% बढ़कर ₹1180.98 करोड़ रहा, जो पिछले साल (Q4 FY24) में ₹254.12 करोड़ था। रेवेन्यू 73.2% बढ़कर ₹3773.54 करोड़ (पिछले साल ₹2179.2 करोड़) तक पहुँचा। EBITDA 99% बढ़कर ₹677 करोड़ रहा, और मार्जिन 15.62% से बढ़कर 17.94% हो गया। X पर @MoneycontrolH और @IndianTrendX जैसे यूजर्स ने इसे “10 साल का सबसे बड़ा रिजल्ट” बताया।
उछाल के पीछे के कारण
सुजलॉन की इस शानदार उपलब्धि के कई कारण हैं। कंपनी ने 447 मेगावाट की रिकॉर्ड तिमाही डिलीवरी हासिल की, जिससे पूरे साल का उत्पादन 977 मेगावाट तक पहुँचा। हाल ही में NTPC ग्रीन एनर्जी से 1544 मेगावाट का ऑर्डर, जिसमें 378 मेगावाट का नया प्रोजेक्ट शामिल है, ने ऑर्डर बुक को 5.5 गीगावाट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचाया। पुडुचेरी और दमन में नई मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं ने उत्पादन क्षमता को 4.5 गीगावाट तक बढ़ा दिया है। भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की बढ़ती मांग और सरकार की हरित नीति ने सुजलॉन को एक मजबूत स्थिति में ला दिया है।
शेयर प्राइस पर असर
Q4 नतीजों से पहले, 26 मई 2025 को सुजलॉन के शेयर NSE पर ₹65.95 के इंट्राडे हाई पर पहुँचे, जो 5% की तेजी दर्शाता है। रिजल्ट्स के बाद, स्टॉक में और उछाल की आशा है। विश्लेषकों का मानना है कि शेयर ₹70-₹80 तक पहुँच सकता है, खासकर यदि डिविडेंड की घोषणा की जाती है। हालांकि, सुजलॉन ने 2008 से कैश डिविडेंड नहीं दिया, लेकिन CFO हिमांशु मोदी की हालिया टिप्पणियों ने डिविडेंड की अटकलों को हवा दी। पिछले 5 साल में शेयर ने 2400% रिटर्न दिया, जो इसे मल्टीबैगर बनाता है।
निवेशकों के लिए टिप्स
सुजलॉन में निवेश से पहले इन बातों पर ध्यान दें:
- तकनीकी विश्लेषण: स्टॉक ऊपरी रेंज में ट्रेंड कर रहा है। ₹65-₹66 पार होने पर ₹78-₹80 का टारगेट संभव।
- जोखिम प्रबंधन: उच्च जोखिम वाले निवेशक शॉर्ट-टर्म होल्ड कर सकते हैं। स्टॉप लॉस ₹60 पर सेट करें।
- लंबी अवधि: नवीकरणीय ऊर्जा की मांग को ध्यान में रखते हुए, 2030 तक शेयर ₹220-₹245 तक पहुँच सकता है।
- ब्रोकरेज सलाह: मोतीलाल ओसवाल ने ₹75 का टारगेट दिया, लेकिन वेंचुरा सिक्योरिटीज ने सतर्क रहने की सलाह दी।
भविष्य की संभावनाएँ
सुजलॉन की 33% बाजार हिस्सेदारी और 17 देशों में उपस्थिति इसे रिन्यूएबल एनर्जी में अग्रणी बनाती है।5.5 गीगावाट की ऑर्डर बुक और नई परियोजनाएँ, जैसे गुजरात में 100.8 मेगावाट का प्रोजेक्ट, कंपनी को 2025-26 में और मजबूत करेंगी।हालांकि, प्रतिस्पर्धा और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ जोखिम पैदा कर सकती हैं।निवेशकों को नियमित रूप से BSE/NSE और कंपनी की तिमाही रिपोर्ट्स की जाँच करनी चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। नवीनतम सुजलॉन रिजल्ट और निवेश सलाह के लिए bseindia.com, nseindia.com, या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।