आखिर कब बढ़ेगा ग्राम चौकीदारों का मानदेय-क्या बोले राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेमन पासवान

ग्राम चौकीदार हमारे गाँवों की सुरक्षा का अहम हिस्सा हैं। ये लोग दिन-रात गाँव की निगरानी करते हैं, चोरी-डकैती जैसी घटनाओं की खबर पुलिस तक पहुँचाते हैं, और मुसीबत के समय मदद करते हैं। लेकिन इनकी हालत देखें तो बहुत खराब है। खासकर उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में चौकीदारों को सिर्फ 2,500 रुपये महीना मिलता है, जो आज के महंगाई के समय में कुछ भी नहीं है। इस वजह से चौकीदारों में नाराजगी है, और वे अपनी सैलरी बढ़ाने की माँग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश ग्राम प्रहरी चौकीदार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेमन पासवान ने अपनी बात रखी है। इस आर्टिकल में हम “आखिर कब बढ़ेगा ग्राम चौकीदारों का मानदेय- क्या बोले राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेमन पासवान” के बारे में पूरी जानकारी देंगे और समझेंगे कि ये प्रॉब्लम कितनी गंभीर है।

When will the honorarium of village chowkidars increase

ग्राम चौकीदारों की हालत

उत्तर प्रदेश में करीब 70,000 ग्राम चौकीदार हैं, जो गाँवों की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं। इनका काम सिर्फ गश्त करना ही नहीं, बल्कि गाँव में होने वाली घटनाओं जैसे जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन, शादी रजिस्ट्रेशन, और पंचायत के छोटे-मोटे कामों में भी मदद करना होता है। लेकिन इतना सब करने के बाद भी इन्हें जो पैसे मिलते हैं, वो बहुत कम हैं। 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इनकी सैलरी 1,500 से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दी थी, लेकिन उसके बाद से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। इस छोटी सी रकम में घर चलाना, बच्चों को पढ़ाना, और बाकी जरूरतें पूरी करना बहुत मुश्किल है।

चौकीदार क्या चाहते हैं?

चौकीदारों की कुछ मुख्य माँगें हैं:

  • सैलरी बढ़े: ये लोग कम से कम 10,500 रुपये महीना चाहते हैं, जो केंद्र सरकार ने असंगठित मजदूरों के लिए मिनिमम वेज तय किया है।
  • सरकारी कर्मचारी का दर्जा: चौकीदार चाहते हैं कि उन्हें सरकारी नौकरी की तरह ट्रीट किया जाए, ताकि पेंशन, हेल्थ इंश्योरेंस, और दूसरी सुविधाएँ मिलें।
  • सुविधाएँ: इनके पास काम करने के लिए वर्दी, साइकिल, डंडा, और सीटी तक नहीं होती। इन्हें ये चीजें और ट्रेनिंग चाहिए।
  • सुरक्षा: अगर कोई हादसा हो या ड्यूटी के दौरान कुछ गलत हो, तो इनके लिए इंश्योरेंस और फाइनेंशियल हेल्प की माँग है।

सुरेमन पासवान ने क्या कहा?

उत्तर प्रदेश ग्राम प्रहरी चौकीदार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेमन पासवान ने इस प्रॉब्लम पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में 70,000 चौकीदार 2,500 रुपये के छोटे से मानदेय में गाँवों की हिफाजत करते हैं। हम कई सालों से अपनी माँगें सरकार तक पहुँचा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।” पासवान ने आगे कहा, “चौकीदार दिन-रात मेहनत करते हैं, फिर भी हमें वो सम्मान और पैसे नहीं मिलते, जो हम डिजर्व करते हैं। सरकार को जल्द से जल्द हमारी बात माननी चाहिए, नहीं तो हमें बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा।”

पासवान ने बताया कि पिछले साल चौकीदारों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रोटेस्ट किया था, लेकिन सरकार ने सिर्फ वादे किए, कोई एक्शन नहीं लिया। उन्होंने माँग की कि चौकीदारों को कम से कम मिनिमम वेज दिया जाए और उनकी सर्विस को रेगुलर करने की दिशा में काम हो।

अब तक क्या हुआ?

कुछ राज्यों में चौकीदारों की हालत सुधारने के लिए कदम उठे हैं:

  • हरियाणा: 2023 में हरियाणा सरकार ने चौकीदारों की सैलरी 7,000 से बढ़ाकर 11,200 रुपये कर दी। साथ ही रिटायरमेंट पर 2 लाख रुपये और ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया।
  • पंजाब: 2025 में पंजाब सरकार ने सैलरी 1,250 से बढ़ाकर 1,500 रुपये की, जो 2017 के बाद पहली बढ़ोतरी थी।

लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में अभी कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ। केंद्र सरकार ने असंगठित मजदूरों के लिए मिनिमम वेज 20,358 रुपये महीना (2024 से) तय किया है, लेकिन ये नियम राज्य सरकारों के चौकीदारों पर लागू नहीं होता।

प्रॉब्लम का हल कैसे निकले?

चौकीदारों की हालत सुधारने के लिए कुछ सुझाव हैं:

  1. नेशनल पॉलिसी: केंद्र सरकार को एक नेशनल पॉलिसी बनानी चाहिए, जिसमें चौकीदारों के लिए सैलरी, सुविधाएँ, और ट्रेनिंग के रूल्स सेट हों।
  2. राज्यों का सपोर्ट: राज्यों को चौकीदारों की सैलरी बढ़ाने और सुविधाएँ देने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
  3. अवेयरनेस: चौकीदारों को सरकारी स्कीम्स (जैसे आयुष्मान भारत, ई-श्रम पोर्टल) का फायदा लेने के लिए जागरूक करना चाहिए।
  4. रेगुलराइजेशन: चौकीदारों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देकर उनकी सर्विस को रेगुलर करना चाहिए।

आखिर कब बढ़ेगा ग्राम चौकीदारों का मानदेय- क्या बोले राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेमन पासवान” ये सवाल आज भी बिना जवाब का है। ग्राम चौकीदार गाँवों की सुरक्षा का मजबूत आधार हैं, लेकिन उनकी मेहनत की सही कीमत नहीं मिल रही। सुरेमन पासवान ने ठीक कहा कि सरकार को इस प्रॉब्लम को सीरियसली लेना होगा। हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों ने अच्छे कदम उठाए हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों को भी आगे आना चाहिए। चौकीदारों की माँगें सही हैं, और इन्हें पूरा करना उनकी जिंदगी को बेहतर बनाएगा और गाँवों की सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। अगर आप भी इस मुद्दे से जुड़े हैं, तो अपनी आवाज उठाएँ और सरकार तक अपनी बात पहुँचाएँ।

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