दुनियाभर में चर्चा का विषय बने हुए हैं दो बड़े नाम – एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप। एक ओर मस्क, जो टेस्ला, स्पेसएक्स और एक्स (पूर्व ट्विटर) जैसे दिग्गज ब्रांड्स के मालिक हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो एक बार फिर व्हाइट हाउस में वापसी की तैयारी कर रहे हैं।

अब इन दोनों के बीच की राजनीतिक टकराव की गूंज केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के शेयर बाजारों तक पहुंच गई है। खासकर टेस्ला के निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है।
क्या है विवाद की जड़?
पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी मीडिया में यह चर्चा तेज थी कि एलन मस्क एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। माना जा रहा था कि यह पार्टी आने वाले अमेरिकी चुनावों में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के विकल्प के रूप में खड़ी हो सकती है।
हालांकि इस पर जब पत्रकारों ने ट्रंप से सवाल किया तो उन्होंने साफ शब्दों में मस्क की योजना को “बेहूदी और असंभव” करार दिया। ट्रंप ने यह भी कहा कि “मस्क का दिमाग अब पटरी से उतर गया है।”
ट्रंप के इस तीखे बयान के बाद मस्क ने भी पलटवार करते हुए कहा, “मैं किसी का गुलाम नहीं, और अमेरिका को एक सशक्त नेतृत्व की ज़रूरत है।”
टेस्ला के शेयरों में भारी गिरावट
इस राजनीतिक बयानबाज़ी का सीधा असर टेस्ला के शेयरों पर पड़ा। बीते 24 घंटे में टेस्ला के स्टॉक्स में करीब 15% की गिरावट देखी गई। इससे निवेशकों को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ।
टेस्ला में गिरावट के पीछे दो बड़े कारण माने जा रहे हैं:
- मस्क की राजनीति में एंट्री से निवेशकों में अनिश्चितता
- ट्रंप का सार्वजनिक रूप से मस्क की आलोचना करना
शेयर बाजार में किसी भी कंपनी की छवि और उसके लीडर की छवि में सीधा संबंध होता है। चूंकि मस्क टेस्ला के चेयरमैन हैं, इसलिए उनके राजनीतिक बयानों का असर कंपनी की वैल्यू पर पड़ना तय है।
निवेशकों की चिंता बढ़ी
कई मार्केट एनालिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि अगर मस्क अपनी राजनीतिक योजनाओं को सार्वजनिक रूप से बढ़ाते हैं, तो टेस्ला के स्टॉक्स में और गिरावट आ सकती है।
निवेशकों को डर है कि मस्क का ध्यान अब टेस्ला से हट सकता है, और वे अपनी ऊर्जा राजनीति में झोंक सकते हैं।
क्या मस्क बनाएंगे नई पार्टी?
हालांकि मस्क ने अब तक औपचारिक रूप से नई पार्टी बनाने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा है कि अमेरिका की मौजूदा राजनीति को बदलने की जरूरत है।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक मस्क का झुकाव स्वतंत्र (Independent) राजनीति की ओर हो सकता है, जहां वे रिपब्लिकन या डेमोक्रेट में से किसी का पक्ष न लें।
भारत पर क्या असर पड़ेगा?
टेस्ला के शेयरों में गिरावट का असर केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है। भारत के निवेशकों ने भी टेस्ला में बड़ी मात्रा में पैसा लगाया हुआ है, खासकर उन लोगों ने जो US स्टॉक्स में निवेश करते हैं। साथ ही, भारत में टेस्ला की एंट्री को लेकर भी चर्चा है, जो मस्क के राजनीतिक बयानों की वजह से फिलहाल धीमी हो सकती है।
निष्कर्ष: क्या होगा आगे?
“Musk vs Trump” की जंग अभी शुरुआत हो सकती है। अगर मस्क सच में राजनीति में आते हैं, तो आने वाले अमेरिकी चुनाव और भी दिलचस्प हो सकते हैं।
लेकिन साथ ही यह सवाल भी बना रहेगा कि क्या मस्क राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करेंगे या टेस्ला जैसे बिज़नेस जायंट को नुकसान पहुँचाकर अपनी ब्रांड वैल्यू घटाएंगे?
निवेशकों और आम जनता को अब इंतजार है – मस्क के अगले कदम का!
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