म्यूच्यूअल फंड में निवेश आजकल एक पॉपुलर तरीका बन गया है अपनी कमाई को बढ़ाने का। इसमें सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) सबसे आसान और अनुशासित तरीका है, जिसमें आप हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। लेकिन एक सवाल जो अक्सर निवेशकों के दिमाग में आता है, वो ये है कि क्या SIP की तारीख का चुनाव उनके रिटर्न पर असर डालता है? क्या महीने की कुछ खास तारीखों को SIP करने से ज्यादा फायदा हो सकता है? इस आर्टिकल में हम “म्यूच्यूअल फंड में इन तारीखों को SIP करने से होगा फायदा: क्या रिटर्न पर तारीख का असर पड़ता है” के बारे में विस्तार से बात करेंगे और समझेंगे कि तारीख का रिटर्न पर कितना प्रभाव पड़ता है और सही तारीख कैसे चुनें।

SIP क्या है और ये कैसे काम करता है?
SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, म्यूच्यूअल फंड में निवेश का एक तरीका है, जिसमें आप हर महीने, तिमाही, या साल में एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। ये राशि आपके बैंक अकाउंट से ऑटोमैटिकली डेबिट होकर म्यूच्यूअल फंड स्कीम में चली जाती है। SIP का सबसे बड़ा फायदा है कि ये आपको बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाता है। इसे रुपये कॉस्ट एवरेजिंग कहते हैं, जिसमें आप बाजार के ऊँच-नीच दोनों समय में यूनिट्स खरीदते हैं, जिससे आपकी औसत लागत बैलेंस हो जाती है। लंबे समय में ये तरीका अच्छा रिटर्न देता है।
क्या SIP की तारीख रिटर्न पर असर डालती है?
निवेशकों में एक आम धारणा है कि महीने की कुछ खास तारीखों, जैसे महीने की शुरुआत (1 तारीख) या F&O एक्सपायरी के दिन (आखिरी गुरुवार), को SIP करने से ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। लेकिन क्या ये सच है? कई स्टडीज और डेटा एनालिसिस से पता चलता है कि SIP की तारीख का रिटर्न पर बहुत कम असर पड़ता है।
पिछले 10 साल के डेटा (मार्च 2015 से मार्च 2025) को देखें तो, एक लार्ज कैप म्यूच्यूअल फंड में हर तारीख को SIP करने पर रिटर्न में ज्यादा अंतर नहीं दिखा। चाहे आपने 1 तारीख को SIP की हो या 28 तारीख को, रिटर्न औसतन 14-15% सालाना रहा। इसका मतलब है कि लंबी अवधि में तारीख से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। असल में रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने समय तक निवेश करते हैं, कौन सी स्कीम चुनते हैं, और बाजार की स्थिति कैसी है।
फिर तारीख का चुनाव कैसे करें?
भले ही तारीख का रिटर्न पर ज्यादा असर न पड़ता हो, लेकिन कुछ प्रैक्टिकल कारणों से सही तारीख चुनना आपके लिए सुविधाजनक हो सकता है। आइए इसे स्टेप्स में समझें:
1. अपनी सैलरी की तारीख को ध्यान में रखें
अगर आपकी सैलरी हर महीने की 1 तारीख को आती है, तो आप 2 या 3 तारीख को SIP सेट कर सकते हैं। इससे आपके अकाउंट में पैसे रहेंगे और SIP की राशि आसानी से डेबिट हो जाएगी। अगर सैलरी 25 तारीख को आती है, तो 26 या 27 तारीख को SIP सेट करें। इससे आपका फाइनेंशियल मैनेजमेंट बेहतर होगा।
2. खर्चों का हिसाब करें
महीने की शुरुआत में बिल पेमेंट, रेंट, या EMI जैसे खर्चे ज्यादा होते हैं। ऐसे में अगर आप 1 तारीख को SIP सेट करते हैं, तो अकाउंट में बैलेंस कम होने की वजह से पेमेंट फेल हो सकता है। इसलिए महीने के मध्य (10-15 तारीख) या अंत (25-28 तारीख) में SIP सेट करना बेहतर हो सकता है।
3. बाजार के उतार-चढ़ाव को समझें
कुछ निवेशक मानते हैं कि महीने के अंत में, खासकर F&O एक्सपायरी के दिन, बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है। इस दौरान शेयर के दाम कम हो सकते हैं, जिससे आपको ज्यादा यूनिट्स मिल सकती हैं। लेकिन ये रणनीति रिस्की है, क्योंकि बाजार की चाल का अंदाजा लगाना मुश्किल है।
4. लंबी अवधि पर फोकस करें
एक्सपर्ट्स का कहना है कि SIP की तारीख से ज्यादा जरूरी है कि आप लगातार निवेश करें। अगर आप 10-15 साल तक SIP करते हैं, तो तारीख का छोटा-मोटा असर खत्म हो जाता है। इसलिए ऐसी तारीख चुनें जो आपके लिए सुविधाजनक हो और जिसमें आप बिना रुकावट निवेश कर सकें।
सही तारीख चुनने के टिप्स
- रेगुलर निवेश: तारीख चाहे जो भी हो, हर महीने निवेश जरूर करें। रुकावट से बचें।
- ऑटो-डेबिट सेट करें: अपनी SIP को ऑटो-डेबिट से जोड़ें ताकि पेमेंट मिस न हो।
- सैलरी के बाद की तारीख: सैलरी आने के 1-2 दिन बाद की तारीख चुनें।
- फ्लेक्सिबल रहें: ज्यादातर फंड हाउस 1 से 28 तारीख तक SIP की तारीख चुनने की सुविधा देते हैं। जरूरत पड़ने पर तारीख बदल सकते हैं।
SIP में रिटर्न बढ़ाने के लिए क्या करें?
तारीख से ज्यादा कुछ और बातें हैं जो आपके रिटर्न को बढ़ा सकती हैं:
- सही फंड चुनें: अपनी रिस्क प्रोफाइल के हिसाब से लार्ज कैप, मिड कैप, या स्मॉल कैप फंड चुनें। पिछले 5-10 साल के परफॉरमेंस को देखें।
- लंबा निवेश करें: कम से कम 7-10 साल तक SIP जारी रखें ताकि कंपाउंडिंग का फायदा मिले।
- राशि बढ़ाएँ: हर साल अपनी सैलरी बढ़ने के साथ SIP की राशि 10-15% बढ़ाएँ।
- बाजार की गिरावट का फायदा: जब बाजार नीचे हो, तो SIP की राशि बढ़ाएँ ताकि ज्यादा यूनिट्स मिलें।
“म्यूच्यूअल फंड में इन तारीखों को SIP करने से होगा फायदा: क्या रिटर्न पर तारीख का असर पड़ता है” के तहत हमने देखा कि SIP की तारीख का रिटर्न पर ज्यादा असर नहीं पड़ता। 10 साल के डेटा से साफ है कि लंबी अवधि में तारीख से ज्यादा जरूरी है आपका निवेश का समय और स्कीम का चुनाव। लेकिन अपनी सैलरी, खर्चों, और सुविधा को ध्यान में रखकर तारीख चुनना आपके निवेश को आसान और नियमित बना सकता है। अगर आप हर महीने बिना रुकावट SIP करते हैं और सही फंड में निवेश करते हैं, तो लंबे समय में अच्छा रिटर्न पक्का है। आज ही अपनी SIP शुरू करें और अपने फाइनेंशियल गोल्स को हासिल करें।
डिस्क्लेमर:यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। techeasygb की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।